Poem on papa
आज कà¥à¤› पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ अपने पापा के लिये है कहना
करते है पयार हमसे इतना
जो न करे अपने आप से जितना
à¤à¤• चिज़ माà¤à¤—ने पर दस चीज़े ला देना
हर हफते चॉकलेटà¥à¤¸ लाकर चारों में बराबर पà¥à¤¯à¤¾à¤° बाटना
वो हम चारों को दो पाहियॉठमें गà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¾
और हर इक पल को यादो में संजोना
तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°à¥‹ को अपने लिये सूना रख हमारे लिये खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¤¨à¤¾
दिवाली मे पटाखो की फà¥à¤²à¤à¤¡à¤¼à¥€ और होली मे रंगो की बहार लाना
अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर
आपका सीना गरà¥à¤µ से फà¥à¤² जान
कà¤à¥€ ना जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का बोज मà¥à¤ पर डालना
अपने सपनो को जिने की आजादी मà¥à¤à¥‡ देना
गलति से à¤à¥€ कà¤à¥€ दिल दà¥à¤–ाया हो तो माफ़ करना
अंतिम में मà¥à¤à¥‡ बस यही है कहना
हर सà¥à¤– दà¥à¤ƒà¤– मैं सदा मेरे साथ रहना